गुफा का रहस्य ।Suspens story in hindi ।Hindi story। Hindi kahani।Hindi kahaniyaa।Hindi Suspense kahani।।


यह कहानी है एक ऐसे राज्य की जहाँ रानी के विवाह को लेकर एक रहस्य गहराया हुआ था। एक ऐसी गुफा, जो लोगों की कब्र बनती चली गई, और एक ऐसी शर्त, जिसे सुनते ही बहादुरों के कदम भी ठिठक जाएं। यह कहानी है साहस की उस अंतिम परीक्षा की, जहाँ हार का मतलब था—अंधेरे में खो जाना सदा के लिए। ।Suspens story in hindi ।Hindi story। Hindi kahani।Hindi kahaniyaa।Hindi Suspense kahani।।


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बड़े राज्य की रानी जो अभी तक अविवाहित थी, उसके पीछे एक रहस्य छिपा था। रानी से विवाह की एक विचित्र और खतरनाक शर्त थी। राज्य में राजमहल के समीप एक विशेष स्थान था, एक पुरानी गुफा, जिसे पूरे राज्य में सबसे डरावना स्थान माना जाता था। 


मान्यता थी कि जो कोई भी उस गुफा में गया, वह कभी वापस नहीं आया। गुफा के बारे में कई बातें राज्य में प्रचलित थी. उसका वर्णन अभी तक के सबसे डरावने स्थान के रूप में किया जाता था।



और शर्त यह थी कि जो भी रानी से विवाह करना चाहता, उसे उस गुफा में जाना होगा ना सिर्फ गुफा में जाना होगा अपितु उसके अंत तक पहुंचना होगा। एक और आश्चर्य चकित रहस्य यह भी था की जो भी व्यक्ति वहाँ पहुंचेगा उसकी तस्वीर पहले से उस गुफा के अंत में लगी है। यह गुफा भलीभांती जानती है की उसके अंत तक कौन पहुंचेगा, और वहां तक वही व्यक्ति ही पहुंच सकता था। यही बात सबसे बड़ा रहस्य थी।



इस शर्त को मानकर कई राजकुमार, योद्धा, और साहसी लोग गुफा में गए, लेकिन वे कभी लौटकर नहीं आए। उन्हें लेने भय के कारण कोई नहीं जाता भी नहीं था। जो गया, वह वहीं का होकर रह गया। उनकी किस्मत वहीं गुफा की अंधेरी परछाइयों में खो गई। अब ऐसे बहुत कम ही लोग थे जो रानी से विवाह का सोचते थे। परन्तु



एक दिन एक साहसी और धैर्यवान राजकुमार ने इस चुनौती को स्वीकार किया। उसने भरी सभा में उस गुफा में प्रवेश करने की चुनौती को स्वीकार किया। उसे इसके होने वाले खतरों से अवगत कराया गया। परन्तु उसका निश्चय दृढ था। उसने तय किया था की वो उस गुफा के अंत तक जायेगा, उसका उद्देश्य रानी से विवाह करना नहीं था अपितु वो देखना चाहता था की उस गुफा के अंत में आखिर ऐसा क्या है।



वो गुफा में प्रवेश करता है गुफा में प्रवेश करते ही उसे मृत शव के अवशेष दिखाई देते है। उनसे उठने वाली सड़न से उसके हाथ में जो लालटेन थी वो भी बुझ गई।उसने अपनी बुद्धि का प्रयोग किया उसे ज्ञात हुआ की गुफा में इस छोर पर उपयुक्त हवा नहीं है जो है वो दूषित है। इस कारण यहाँ मृत्यु होती है। 


अँधेरे में उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उसने अपने मुँह पर कपड़ा बाँधा और तेजी से चलाना प्रारम्भ किया। जैसे तैसे वो आगे बड़ा और एक छिद्र दिखाई दिया वो उसके समीप गया। वहाँ उसे थोड़ा आराम मिला और प्रणवायु उसे मिली। अब और आगे बड़ा पक्षियों की चीखें, चमगादड़ों की झुंड, दीवारों से टपकता पानी, और सन्नाटे की गर्जना उसे डरा नहीं सकी। वह अपने साहस और विश्वास के साथ आगे बढ़ता रहा।



अंत में वह एक ऐसे स्थान पर पहुंचा जहां से आगे कुछ नहीं दिया यही था इस गुफा का अंत उसी दिवार पर एक बड़ी तस्वीर थी जो उसे अपने धुंधली आँखों से दिखाई दी । अभी उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था क्यूँ की अंधेरा था साथ ही उस पर मिट्टी की परत भी । उसने उस तस्वीर को दिवार से निकालनें की कोशिश की और वो उसमे सफल हुआ। जैसे ही उस दिवार से तस्वीर निकली प्रकाश से उसकी आंखे चोधिया गई। तस्वीर के पीछे कोई दिवार नहीं थी यही प्रकाश को रोके खड़ी थी।



उस वीर नें उस तस्वीर को देखा, वो आश्चर्य चकित रह गया। वो तस्वीर उसकी नहीं थी, वो था दर्पण जिसमे उसका प्रतिबिम्ब दिखाई दे रहा था। यहाँ एक दर्पण था जिसमे जो भी यहाँ पहुँचता उसका प्रतिबिम्ब दिखाई देता।



उसके साहस और नियति ने मिलकर उसे उस दर्पण तक पहुंचाया। वह गुफा से बाहर लौटा, जीवित। उसने रानी से विवाह किया।


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