"बदली बदली सी पत्नी" दिल छू लेने वाली हिंदी कहानी है, जिसमें एक पति और पत्नी के रिश्ते में भावनात्मक बदलाव दिखाया गया है। जब पत्नी को एहसास होता है,जीवन कितना अनमोल है. तो वह प्यार और समझ की असली कीमत समझती है। रिश्तों, प्यार और पछतावे पर आधारित यह कहानी आपके दिल को छू जाएगी। #HindiStory #EmotionalStory #reletionshipstory #Emotionalstory
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शादी को पाँच साल हो चुके थे। हम दोनों लड़ाई झगड़ा, रुठना मनाना, चलता ही रहता था। इन सब बातो से प्यार औऱ गहरा ही होता है। सॉरी वो तो कभी बोलती नहीं, हर पति की तरह उसे मुझे ही मनाना पड़ता,
औऱ वो जिद पर आ जाये तो, पूरी होये बिना मनाती नहीं।
जितनी चादर हो उतने ही पैर फैलाना चाहिये यह बात में अपनी पत्नी को समझा समझा कर थक गया। ऐसे वो बहुत समझदार बनती पर जब अपनी जिद की बात हो तो उसे कुछ सुनना नहीं होता..
अब उसने एक नई मांग कर रखी है।
—“सोने की चेन कब दिलाओगे?”
मैंने भी अड़ गया की इस बार तुम्हारी नहीं चलेगी। बस फिर क्या बात चित बंद। मैंने भी ठाना था की इस बार कुछ भी हो जाये।
में झूकूंगा नहीं।
हम दोनों में बात बात बंद थी, वो मुझे कुछ कहती तो उसका जवाब उसे मिलता. शुरुवात में जो झगड़ा मज़ाक में शुरू हुआ। वो अब ज्यादा बड़ा हो गया। मायके जानें की प्लानिंग होने लगी।
लेकिन
एक सुबह जब मैं उठा, तो सब कुछ अलग था।रानी का रवैया बदल चुका था। उसने मेरे लिए चाय बनाई, हल्की मुस्कान दी, और पास बैठकर बातें करने लगी।
जब तक उसकी जिद पूरी ना हो तब तक वो ऐसा करती नहीं थी अचानक से उसका रवैया बदला देख में भी थोड़ा आश्चर्य चकित था। पहले मुझे लगा की शायद यह अपनी जिद मनवाने का उसका कहीं नया तरीका तो नहीं।
रानी नें मेरे पास आकर कहा—
“तुम्हें पता है, मैं तुमसे कितना प्यार करती हूँ।”
आँखों में आँसू थे।
मेरे लिए ये सब किसी चमत्कार से कम नहीं था। एकदम से बिना जिद पूरी करें इतना प्यार..
मुझे लगा की शायद 2 -5 दिन बाद वो फिर से वही बात करने लगेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रानी की अब कोई शिकायत नहीं थी वो बिलकुल बदल गई थी। उसने यह बदलाव देखकर में खुश भी था।
मुझे लगा की में उसे वो ख़ुशी नहीं दे पा रहा हूँ। रानी का प्यार औऱ बदला स्वभाव देख कर मैंने रानी को कहा की तुम उदास मत रहो में कोशिश करूँगा, जल्द ही तुम्हारे लिये वो लेकर आएंगे जो तुम्हे चाहिये।
वो तपाक से बोली
नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिये, मेरे पास आप हो।
फिर मैंने धीरे से पूछा,
“अचानक इतना बदलाव… बात क्या है?”
वो चुप रही, औऱ अपनी आंसू रोक ना सकी, फिर रोते-रोते मेरे सीने से लग गई। उसके आँसू मेरे दिल तक पहुँच गए। मुझे लग रहा था कि शायद कुछ गहरी चोट उसे अंदर ही अंदर लगी है।
आँखें पोंछते हुए उसने कहा—
“मेरी सहेली रिनू… जिसके लिये में कहती थी उसका पति उसके लिये क्या क्या नहीं करता..
मैंने कहा हाँ..क्या हुआ..
ऑफिस से आते वक़्त उनका एक्सीडेंट हो गया.. औऱ वो...
वो पूरी बात कहने के पहले ही फूट, फूट कर रोने लगी..
में समझ गया उसके दिल पर क्या बीत रही है।
मेरे दिल में सन्नाटा छा गया। मैं उसके पास बैठा रहा । उसे इस बात का अहसास हो गया था की ज़िंदगी कितनी नाज़ुक है। उस पल यह अहसास मुझे भी हुआ
उस दिन के बाद हमारी ज़िंदगी बदल गई। न सोने की चेन की मांग रही, न पैसों की शिकायत। वो अब छोटी-छोटी खुशियों में मुस्कुराने लगी।
हमने साथ बैठकर चाय पीना शुरू किया, शाम को सैर करना और हर बात पर एक-दूसरे का हाथ पकड़ना। प्यार जताना।
जीवन बहुत छोटा है। शिकायतें और ज़िद रिश्तों को खोखला करती हैं।
अगर प्यार है, तो उसे जताइए, जीइए… वरना कल बहुत देर हो सकती है।
